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गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। समूह लोन दिलाने का झांसा देकर 120 महिलाओं से 1.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। ठगी का यह मामला सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। पीड़ित महिलाओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि एक स्वयं सहायता समूह (SHG) के नाम पर उन्हें लोन दिलाने का भरोसा दिलाया गया। ठगों ने कहा कि अगर वे एक निश्चित राशि जमा करेंगी, तो उन्हें आसान शर्तों पर समूह लोन मिलेगा। महिलाओं ने लोन की उम्मीद में अपनी बचत और गहने बेचकर पैसा जमा किया।
महिलाओं से अलग-अलग समय पर प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक वसूले गए। ठगों ने महिलाओं को शुरुआत में कुछ फर्जी दस्तावेज भी दिए ताकि वे भरोसा कर सकें। लेकिन बाद में ठग गायब हो गए और उनके दिए नंबर भी बंद हो गए।
पीड़ितों का बयान
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि ठगों ने उनके गांव में बैठकें आयोजित की थीं और अपनी बातों से उन्हें भरोसे में ले लिया। महिलाओं ने बताया कि फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब कई महीनों तक लोन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई और ठगों का कोई संपर्क नहीं मिला।
पुलिस की जांच शुरू
गिरिडीह पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह एक संगठित ठगी का मामला है। पुलिस ठगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्य जुटा रही है।
स्थानीय प्रशासन का बयान
गिरिडीह के एसपी ने कहा, “हमने महिलाओं की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है। यह मामला बेहद गंभीर है। आरोपियों की पहचान के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। महिलाओं को उनके पैसे वापस दिलाने और दोषियों को सजा दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।”
महिलाओं की आर्थिक स्थिति पर असर
ठगी की इस घटना ने पीड़ित महिलाओं को आर्थिक संकट में डाल दिया है। कई महिलाओं ने अपनी सारी जमा पूंजी गंवा दी है, जबकि कुछ ने कर्ज लेकर पैसा जमा किया था। अब उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
कैसे बचें ऐसी ठगी से?
इस घटना के बाद विशेषज्ञों ने लोगों को जागरूक रहने की सलाह दी है। समूह लोन या किसी भी वित्तीय योजना में पैसा निवेश करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करने और स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
सवालों के घेरे में प्रशासन और जागरूकता
इस घटना ने प्रशासन और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी को उजागर किया है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस तरह के फर्जीवाड़े रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
गिरिडीह में हुई इस घटना ने न केवल महिलाओं के आर्थिक संकट को बढ़ाया है, बल्कि समाज में भरोसे के माहौल को भी झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन की कार्रवाई और ठगों की गिरफ्तारी से ही पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद है।