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रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा के पेपर लीक मामले में जांच कर रही CID की विशेष जांच टीम (SIT) को बड़ी सफलता मिली है। मामले में SIT को कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं, जो इस घोटाले में शामिल आरोपियों और उनके नेटवर्क को उजागर कर सकते हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
JSSC CGL परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जांच का जिम्मा CID को सौंप दिया। SIT ने जांच के दौरान कई संदिग्धों से पूछताछ की और डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की।
SIT की जांच में क्या सामने आया?
जांच के दौरान SIT को व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों पर पेपर के प्रश्न और उत्तर साझा किए जाने के सबूत मिले हैं। इसके अलावा, कुछ परीक्षा केंद्रों से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। SIT ने अब तक कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है और उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाने का दावा किया है।
छात्रों में आक्रोश
पेपर लीक की घटना के बाद झारखंड में छात्रों में भारी आक्रोश है। कई छात्रों ने इसे अपनी मेहनत के साथ धोखा करार दिया है। छात्रों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से परीक्षा की प्रक्रिया पर से विश्वास उठने लगा है।
सरकार का बयान
राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। SIT को पूरी छूट दी गई है, और मामले की तह तक जाने का निर्देश दिया गया है।”
SIT की कार्रवाई
SIT ने कई संदिग्धों के मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए हैं। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज और सर्वर डेटा की भी जांच की जा रही है। SIT का कहना है कि अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि यह एक संगठित रैकेट का काम है, जिसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं।
भविष्य की चुनौतियां
पेपर लीक की घटनाएं न केवल परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि प्रशासन की साख को भी कमजोर करती हैं। यह मामला छात्रों के विश्वास को बहाल करने के लिए एक बड़ी चुनौती है।